Introduction

रंजीत कुमार के बारे में

रंजीत कुमार का जन्म 21 दिसंबर 1972 को बिहार के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड के भेलूबिगहा गाँव में ब्राह्मण के परिवार में हुआ है, वह भाई और बहन के बीच श्री शिवदानी सिंह और श्रीमती जानकी देवी की तीसरी संतान हैं।

रंजीत कुमार नवादा के लोगों की सेवा कर रहे हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। वह स्वभाव से एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के क्षेत्र में काम करते हैं। इन्होंने योग और न्यूरोथेरपी के माध्यम से लोगो को बिना दवाई इलाज करने की विधा पूरे बिहार में सुरुआत की है जो वैदिक उपचार केंद्र के नाम और न्यूरोथेरपी सेन्टर के नाम से जाने जाते है। इन्होंने लोकल लड़को और लड़कियों को न्यूरोथेरपी एजुकेशन देकर समाज में न्यूरोथेरपी को मजबूती और स्वदेशी विधा से इलाज बिना दवाई का हो इसकी जागरूकता फैलाने का काम किया है।

कोरोना के समय नवादा जिला में 600 क्विंटल अनाज का वितरण जरूरतमंदों को किया। कपड़ा खरीदकर लोगो से मास्क बनवाकर जरूरतमंदों को पूरे नवादा जिला में बाटने का काम किया है। कोरोना के दूसरे लहर के समय जब ऑक्सीजन और बेड की किल्लत थी उस समय नवादा सदर अस्पताल में 25 हॉस्पिटल बेड दिए। नवादा जिला के लड़को को पढ़ाई के लिए स्कालरशिप देने का काम किया है जिससे बहुत लोग जो पैसे के चलते पढ़ाई नही कर पा रहे थे उनको एक नई दिशा मिली है।

दलित और महादलित बस्ती में कम्यूनिटी हॉल बनाने का काम किया है जहाँ पढ़ाई के साथ साथ शादी व्याह जैसे कार्यक्रम हो रहे हैं। इन्होंने हिंदू संस्कार और संस्कृति सहित जागरूकता बढ़ाकर आम लोगों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए वार्षिक नवादा महोत्सव, नवादा दीप महोत्सव, नवादा युवा कैरियर सम्मेलन और ऐसी कई मेगा इवेंट जैसे जागरूकता अभिगन की शुरुआत की है जो की पिछले 10 सालों से चल रहा है।

इन्होंने केमिस्ट्री में एमएससी के साथ कंप्यूटर साइंस में सिस्टम मैनेजमेंट किया। गया कॉलेज गया (मगध विश्वविद्यालय) से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और फिर सिंगापुर में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल / बिजनेस के लिए काम किया। तेल और गैस, बिजली संयंत्र, रेलवे, विनिर्माण, विश्वविद्यालय, सरकारी विभाग जैसे विभिन्न उद्योग और कार्यक्षेत्र में 25 साल से अधिक की सेवा कर रहे है।

उनका एक दृष्टिकोण है कि, उन्होंने समुदाय के उत्थान के लिए खुद को पूरी तरह से प्रतिबद्ध किया है और राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।